मेहनत का फल

दोनों ने सहस दिखाते हुए 12 दिन तक ट्रैकिंग की | उनकी हिम्मत रंग लाई और आखिर में वह चिली के एक आबादी वाले गाँव में पहुंचे जहाँ लोगों से उन्होनें मदद मांगी |इस तरह उन्होनें न सिर्फ अपनी जान बचा ली जबकि अपने बाकि साथियों के लिए भी वरदान साबित हुए |

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