फांसी
शिकारों को ठिकाने लगाने के बाद सभी ठग जश्न मनाते थे |उसके लिए जहाँ कब्र बनायीं थीं वहां नाच गाना और कव्वाली होती थी |ये सब करने से जब थक जाते तो सभी ठग कब्र पर बैठकर गुड खाते थे | कहते हैं की कब्र का गुड खाने से ही कोई व्यक्ति पक्का ठग बन सकता था |
बेहराम ठग ने बताया की उसके गिरोह ने करीब 931 लोगों को उस पीले रुमाल से मारा था | इनमें से 150 को तो बेहराम ने स्वयं मारा था | बेहराम की पकड़ के बाद उसके कई साथी गिरफ्त में आगये | इन सभी कुख्यात ठगों को जबलपुर में स्थित एक पेड़ पर फांसी दी गयी |नए सदस्यों के लोए स्लीमैन ने रियायत बरतते हुए जबलपुर में एक सुधर गृह खुलवा दिया |बताते हैं की स्लीमैन का पड़पोता इंग्लैंड में निवास करता है और उसके पास आज भी वह पीला रुमाल सुरक्षित रखा हुआ है 

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