बोले बोले रे राम चिरैया रे ।
बोले रे राम चिरैया ॥

मेरे साँसों के पिंजरे में
घड़ी घड़ी बोले
घड़ी घड़ी बोले ॥
बोले बोले रे राम चिरैया रे ।
बोले रे राम चिरैया ॥

ना कोई खिड़की ना कोई डोरी
ना कोई चोर करे जो चोरी
ऐसा मेरा है राम रमैया रे ॥
बोले बोले रे राम चिरैया रे ।
बोले रे राम चिरैया ॥

उसी की नैया वही खिवैया
बह रही उस की लहरैया
चाहे लाख चले पुरवैया रे ॥
बोले बोले रे राम चिरैया रे ।
बोले रे राम चिरैया ॥

Please join our telegram group for more such stories and updates.telegram channel