राजा राम मोहन रॉय

एक धार्मिक बदलाव लाने वाले व्यक्ति राजा राम मोहन रॉय ने लोगों की भलाई के लिए कंपनी का साथ छोड़ दिया |यूरोपियन उदारवाद से प्रेरित ये इस नतीजे पर पहुंचे की हिंदुत्व और हिन्दुओं की सामाजिक प्रथाओं में एक महत्वपूर्ण बदलाव की ज़रुरत है | उन्होनें १८२८ में कलकत्ता में ब्राह्मो समाज की स्थापना की |

रॉय शिक्षा को सामाजिक बदलाव का आधार मानते थे | उन्होने कलकत्ता में कई कॉलेज और स्कूल की स्थापना की |इसके इलावा उन्होनें पाश्चात्य पड़ाई के तरीकों को भारतीय संस्करण में समावेश भी कराया | 


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