1 बाल्यकाल में किसी भी प्रकार की बाधा का उत्पन्न होना। जैसे घटना-दुर्घटना, चोट लगना, बीमारी आदि का होना।

2. विद्या अध्ययन में रुकावट होना या पढ़ाई बीच में ही छूट जाना। पढ़ाई में मन नहीं लगना या फिर ऐसी कोई आर्थिक अथवा शारीरिक बाधा जिससे पढाई प्रभावित हो जाये |  

3. विवाह में देरी भी कालसर्प दोष का ही एक लक्षण है। अगर  ऐसी स्थिति दिखाई दे तो किसी विद्वान ज्योतिषी से संपर्क करना चाहिए। इसके साथ ही इस दोष की वजह से वैवाहिक जीवन में तनाव और विवाह के बाद तलाक की स्थिति भी कई बार उत्पन्न हो जाती है |

4. कालसर्प दोष का एक अन्य लक्षण है संतान का न होना और अगर संतान हो भी जाए तो उसकी प्रगति में बाधा उत्पन्न होती है।

கருத்துக்கள்
இதுபோன்ற மேலும் கதைகள் மற்றும் புதுப்பிப்புகளுக்கு எங்கள் தந்தி குழுவில் சேரவும்.telegram channel