मृत्यु के बारे में वेद, योग, पुराण और आयुर्वेद में विस्तार से लिखा हुआ है। पुराणों में गरूड़ पुराण, शिव पुराण और ब्रह्म पुराण में मृत्यु के व्यक्तित्व की जानकारी मिलेगी |  मृत्यु के बाद के जीवन का उल्लेख मिलेगा। परिवार के किसी भी सदस्य की मृत्यु के बाद घर में गीता और गरूड़ पुराण सुनने का रीवाज़ है , इससे मृतक की आत्मा को शांति और सही ज्ञान मिलता है जिससे उसके आगे की गति में कोई रुकावट नहीं आती है। 

ध्यान रहे कि मृत्यु के पूर्वाभास से जुड़े लक्षणों को किसी भी लैब टेस्ट या क्लिनिकल परीक्षण से सिद्ध नहीं किया जा सकता बल्कि ये लक्षण केवल उसी व्यक्ति को पता चलते हैं जिसकी मृत्यु होने वाली होती है। मृत्यु के पूर्वाभास से जुड़े निम्नलिखित संकेत व्यक्ति को अपने  अंत समय के नजदीक होने का आभास करवाते हैं। 

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