कनेर

इस वृक्ष की 3 जातियां होती हैं जिनमें क्रमश: लाल, पीले और नीले पुष्प लगते हैं। इन पुष्पों में कोई गंध नहीं होती।हृदय रोगो में जब कोई और उपाय नहीं होता है तो इसका प्रयोग किया जाता है। कनेर का मुख्य विषैला परिणाम हृदय की मांसपेशियों पर होता है। इसे अधिकतर औषधि के लिए उपयोग में लाया जाता है।

 


கருத்துக்கள்
இதுபோன்ற மேலும் கதைகள் மற்றும் புதுப்பிப்புகளுக்கு எங்கள் தந்தி குழுவில் சேரவும்.telegram channel