राधा बल्लभ मेरौ प्यारौ ।
सरबोपरि सबहीकौ ठाकुर, सब सुखदानि हमारौ ॥
ब्रज बृंदाबन नाइक सेवालाइक स्याम उज्यारौ ।
प्रीत रीत पहचानै जानै रसिकनकौ रखवारौ ॥
स्याम कमल-दल-लोचन मोचन दुख नैननकौ तारौ ।
अवतारी सब अवतारनकौ महतारी महतारौ ॥
मूरतिवंत काम गोपिनको गाय गोप को गारौ ।
ब्यासदासकौं प्रान सजीवन छिनभर हृदय न टारौ ॥
 

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